क्या आप हाल ही में Bharat और इसके आकर्षण का अन्वेषण कर रहे हैं? क्या आपने Famous Temples in Bharat के आध्यात्मिक पहलू को जानने की इच्छा की है?
अगर हाँ, तो आपको अभी इन 26 प्रसिद्ध भारतीय मंदिरों का दौरा करना चाहिए!
Temple | District | State | Nearby Railway Station | Nearby Airport |
Ram Mandir | Ayodhya | Uttar Pradesh | Ayodhya Junction (1.8 km) | Ayodhya (AYJ) (4.0 km) |
Vaishno Devi Temple | Katra | Jammu and Kashmir | Udhampur (220 km) | Srinagar (47 km) |
Kashi Vishwanath Temple | Varanasi | Uttar Pradesh | Varanasi Junction (1.5 km) | Lal Bahadur Shastri International Airport (24 km) |
Kedarnath Temple | Rudraprayag | Uttarakhand | Rishikesh (72 km) | Jolly Grant Airport (250 km) |
Shri Padmanabha Swamy Temple | Thiruvananthapuram | Kerala | Thiruvananthapuram Central (1.5 km) | Thiruvananthapuram International Airport (3.5 km) |
Tirupati Balaji Temple | Tirupati | Andhra Pradesh | Tirupati Main (0.5 km) | Tirupati Airport (15 km) |
Amarnath Temple | Anantnag | Jammu & Kashmir | Udhampur (220 km) | Srinagar (47 km) |
Dwarkadhish Temple | Dwarka | Gujarat | Jamnagar (135 km) | Jamnagar Airport (135 km) |
Badrinath Temple | Chamoli | Uttarakhand | Haridwar (250 km) | Jolly Grant Airport (250 km) |
Yamunotri Temple | Uttarkashi | Uttarakhand | Haridwar (250 km) | Jolly Grant Airport (250 km) |
Sri Jagannath Temple | Puri | Odisha | Puri (0.5 km) | Biju Patnaik International Airport (65 km) |
Shirdi Sai Baba Temple | Shirdi | Maharashtra | Manmad (85 km) | Shirdi Airport (8 km) |
Sabarimala Temple | Pathanamthitta | Kerala | Kottayam (75 km) | Cochin International Airport (150 km) |
Konark Sun Temple | Puri | Odisha | Puri (0.5 km) | Biju Patnaik International Airport (65 km) |
Siddhivinayak Temple | Mumbai | Maharashtra | Mumbai Central (2.5 km) | Chhatrapati Shivaji Maharaj International Airport (5 km) |
Khajuraho Temple | Chhatarpur | Madhya Pradesh | Khajuraho (0.5 km) | Khajuraho Airport (2 km) |
Sanchi Stupa | Sanchi | Madhya Pradesh | Bhopal (46 km) | Raja Bhoj International Airport (46 km) |
Karni Mata Temple | Deshnoke | Rajasthan | Bikaner (240 km) | Bikaner Airport (240 km) |
Shri Krishna Janmabhoomi Temple | Mathura | Uttar Pradesh | Mathura (0.5 km) | Agra Airport (60 km) |
Meenakshi Temple | Madurai | Tamil Nadu | Madurai Junction (1.5 km) | Madurai Airport (8 km) |
Guruvayur Temple | Thrissur | Kerala | Thrissur (2.5 km) | Cochin International Airport (80 km) |
Banke Bihari Temple | Vrindavan | Uttar Pradesh | Mathura (60 km) | Agra Airport (60 km) |
Ramanathaswamy Temple | Rameswaram | Tamil Nadu | Rameswaram (0.5 km) | Rameswaram Airport (0.5 km) |
Kukke Subramanya Temple | Subramanya | Karnataka | Mangalore (100 km) | Mangalore International Airport (100 km) |
Somnath Temple | Veraval | Gujarat | Veraval (0.5 km) | Jamnagar Airport (135 km) |
Golden Temple | Amritsar | Punjab | Amritsar Railway Station (2.2 km) | Amritsar Airport (12-13 km) |
Ye sab Temple न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि Bharat की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और वास्तुकला के भी अद्भुत उदाहरण हैं।
इनमें से कई को UNESCO द्वारा World Heritage Sites के रूप में मान्यता प्राप्त है।
इन temple का दौरा करके आप Bharat की आध्यात्मिक और धार्मिक विविधता को समझ सकते हैं। साथ ही, आप यहाँ की अनोखी कला, वास्तुकला और परंपराओं का भी अनुभव कर सकते हैं।
चाहे आप एक श्रद्धालु हों या सिर्फ एक पर्यटक, ये मंदिर आपको अपने जादू में मंत्रमुग्ध कर देंगे। इनकी भव्यता, शांति और आध्यात्मिक उपस्थिति आपको निश्चित रूप से प्रभावित करेगी।इसलिए अपनी अगली यात्रा की योजना बनाएं और इन अद्भुत धार्मिक स्थलों का अनुभव लें।
यह आपके लिए एक अविस्मरणीय और आध्यात्मिक Experience होगा।
Ram Mandir, Ayodhya
Location | Ayodhya, Uttar Pradesh |
Significance | Birthplace of Lord Rama (avatar of Lord Vishnu) |
Previous Structure | 16th century Babri Masjid (demolished in 1992) |
Supreme Court Ruling (2019) | Disputed land handed over for Ram Mandir construction, alternate site for mosque |
Foundation Stone Laid | August 2020 by PM Narendra Modi (Bhoomi Pujan) |
Construction Authority | Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust |
Construction Start | March 2020 (First Phase) |
Ground Floor Completed | December 2022 (Ground + 2 floors planned) |
Funding | Entirely through public donations across India |
Significance | Symbol of India’s rich cultural heritage, attraction for Ayodhya and India |
Ayodhya में स्थित Ram Janmabhoomi स्थल को Hindus द्वारा Lord Rama, जो Lord Vishnu के एक अवतार हैं, के जन्मस्थान के रूप में माना जाता है।
इस स्थल पर पहले 16वीं शताब्दी की Babri Masjid स्थित थी, जिसे 1992 में Hindu kar sevaks द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था, जिससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ था।
2019 में, Supreme Court ने फैसला सुनाया कि विवादित भूमि को एक ट्रस्ट को Ram Mandir के निर्माण के लिए सौंप दिया जाए, जबकि मुसलमानों को एक मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक स्थल दिया जाएगा।
अगस्त 2020 में, प्रधानमंत्री Narendra Modi ने Bhoomi Pujan समारोह किया और Ram Mandir निर्माण के लिए शिलान्यास किया।
मार्च 2020 में Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust के तहत निर्माण की पहली चरण शुरू हुआ।दिसंबर 2022 तक मंदिर का ग्राउंड फ्लोर (योजनाबद्ध ग्राउंड प्लस 2 मंजिल) पूरा हो गया था।
ट्रस्ट का लक्ष्य पूरे मंदिर परिसर को पूरा करना है।
मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा अन्य सुविधाएं जैसे भव्य प्रवेश द्वार, सभागार, धर्मशाला, संग्रहालय आदि शामिल होंगी।
निर्माण के लिए पूरे भारत से दान एकत्र किए जा रहे हैं। ट्रस्ट का दावा है कि निर्माण पूरी तरह से दान राशि से ही किया जा रहा है।
Ram Mandir का निर्माण न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। इसके पूरा होने पर यह Ayodhya और पूरे भारत के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन जाएगा।
Vaishno Devi Temple
Location | Katra, Reasi district, Jammu & Kashmir, India |
Significance | One of the 52 Maha Shakti Peethas dedicated to Durga |
Governing body | Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board (SMVDSB) |
Annual Visitors | Millions of devotees |
Annual Receipts | Approximately 16 million dollars |
Type | Cave Temple |
Elevation | 1,584.96 m (5,200 ft) |
Vaishno Devi Temple जम्मू के Katra शहर में स्थित है।
यह एक अनोखा मंदिर है जो 5300 feet की ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए वहां पहुंचने के लिए आपको 12 km का trek करना पड़ता है।
इस temple का उल्लेख Rigveda में भी मिलता है, जहां यह मंदिर स्थित है उस जगह को Trikuta hill कहा जाता है।
Geological study के अनुसार, Holy Cave की उम्र लगभग एक million years है।
Vaishno Devi Temple हिंदुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण pilgrimage site है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
इस temple में प्रमुख festivals Navaratri और Diwali के दौरान मनाए जाते हैं, जो कि Devi की विजय का प्रतीक हैं।
Temple complex में free और rented accommodation facilities, vegetarian restaurants, medical unit और religious offerings की दुकानें भी हैं।
Katra से Vaishno Devi तक का 12 km का रास्ता अच्छी तरह से बना हुआ है। अगर आप trek करने में असमर्थ हैं तो ponies, porters और palanquins भी उपलब्ध हैं।
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Kashi Vishwanath Temple
Location | Varanasi, Uttar Pradesh, India |
Deity | Vishveshwara or Vishwanath (Shiva) |
Type | Mandir |
Festivals | Maha Shivaratri |
History | Demolished multiple times by different rulers, most recently by Aurangzeb in 1669 |
Creator | Unknown origin, rebuilt in 1780 by Ahilyabai Holkar |
Kashi Vishwanath एक प्रसिद्ध मंदिर है जिसमें Shiva linga स्थापित है और यह Banaras में Ganges नदी के पास स्थित है।
लोग अपनी spiritual thirst को बुझाने के लिए वहाँ जाते हैं।
यह मंदिर 12 Jyotirlingas में से एक है और इसका उल्लेख पवित्र Hindu ग्रंथों में भी मिलता है।
Kashi Vishwanath temple का इतिहास काफी पुराना है।
मूल मंदिर का निर्माण 1490 में हुआ था, लेकिन Mughal काल में इसे कई बार नष्ट किया गया।वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण Indore की Rani Ahilya Bai Holkar ने 1780 में करवाया था।
मंदिर के अंदर एक पवित्र कुंड भी है जिसे Jnana Vapi कहा जाता है। माना जाता है कि इसका जल ज्ञान और मोक्ष प्रदान करता है।
प्रतिदिन हज़ारों श्रद्धालु दर्शन के लिए Kashi Vishwanath temple आते हैं और Ganges में स्नान करते हैं।
Mahashivratri और Shravan माह के दौरान यहाँ विशेष पूजा और आयोजन होते हैं जो भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
Kedarnath Temple
Uttarakhand में स्थित Kedarnath Temple तक पहुंचने के लिए आपको 14 km का लंबा trek करना पड़ता है। इस मंदिर का सभी Shiv bhakts के लिए बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है।
Kedarnath Temple 12 Jyotirlingas में से एक है और इसका निर्माण Pandavas द्वारा किया गया था।
यह मंदिर 3,583 meters की ऊंचाई पर स्थित है और इसके चारों ओर भव्य Himalayan पर्वत हैं।
Temple का मुख्य attraction एक बड़ा triangular Shiva linga है जो Pandavas द्वारा स्थापित किया गया था।
हर साल लाखों devotees Kedarnath की यात्रा करते हैं, खासकर Mahashivratri के दौरान।मंदिर का द्वार May से October तक ही खुलता है क्योंकि सर्दियों में भारी snowfall के कारण इलाका inaccessible हो जाता है।
Kedarnath पहुंचने के लिए आपको पहले Gaurikund तक road से जाना होगा और फिर वहां से 14 km का trek करना पड़ेगा।
Trek के दौरान आपको अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलेगा और आप अपनी spiritual energy को भी महसूस कर पाएंगे।
Shri Padmanabha Swamy Temple
Shri Padmanabha Swamy Temple Thiruvananthapuram में स्थित है और यह Lord Vishnu की एक विशाल मूर्ति वाला एक प्रसिद्ध मंदिर है।
इस temple का निर्माण 8वीं शताब्दी में Travancore के राजाओं द्वारा किया गया था।Padmanabha Swamy Temple की architecture बेहद खूबसूरत और intricate है, जो Dravidian style में बनाई गई है।
मंदिर के अंदर Lord Vishnu की एक massive idol है जो 18 फीट लंबी है और उनके चारों ओर नागों की फन है।
इस temple का प्रमुख attraction उसके अंदर स्थित 6 secret vaults हैं, जिनमें से एक vault B को आज तक नहीं खोला गया है।
2011 में जब इन vaults को खोला गया तो उनमें अनगिनत gold और precious stones मिले जिनकी कीमत billions of dollars थी।
Padmanabha Swamy Temple का religious और historical significance के साथ-साथ architectural महत्व भी है।
प्रतिदिन हज़ारों भक्त इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं और अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
Tirupati Balaji Temple
Tirupati Balaji Temple को बहुत बड़ा धार्मिक महत्व प्राप्त है। लोग Lord Balaji के एक दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होते हैं।
उन्हें भारत के सबसे धनी Gods में से एक माना जाता है।
क्या आप Tirupati Balaji Temple के रोचक इतिहास के बारे में जानते हैं?यह मंदिर Lord Sri Venkateswara को समर्पित है, जो Lord Vishnu के एक अवतार हैं।
माना जाता है कि वह Kali Yuga में मानव जाति को कष्टों और परेशानियों से बचाने के लिए यहाँ प्रकट हुए थे।
इस temple का निर्माण लगभग 300 ईस्वी से शुरू होकर कई सालों तक चला और इसकी architecture Dravidian शैली में है। Sanctum Sanctorum को AnandaNilayam कहा जाता है।
Tirumala Hills, जहाँ यह मंदिर स्थित है, Seshachalam Hills रेंज का हिस्सा हैं। ये hills समुद्र तल से 853 मीटर (2,799 फीट) ऊपर हैं।
Tirupati Balaji Temple दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है। रोज़ाना लगभग 50,000 से 100,000 श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं।
विशेष अवसरों और त्योहारों पर यह संख्या 500,000 तक पहुँच जाती है। इस मंदिर का इतिहास पौराणिक कथाओं और किंवदंतियों से जुड़ा हुआ है।
कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने वराह अवतार लेकर पृथ्वी को हिरण्याक्ष के पाप से मुक्त किया और फिर भूदेवी की प्रार्थना पर तिरुमला पर्वत पर निवास किया।
मंदिर के अंदर Lord Venkateswara की एक विशाल प्रतिमा है जो गर्भगृह में पूर्व दिशा की ओर खड़ी है। मंदिर Vaikhanasa Agama परंपरा का पालन करता है।
इस तरह Tirupati Balaji Temple न सिर्फ एक प्रमुख तीर्थ स्थल है बल्कि भारतीय संस्कृति, कला और वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण भी है।
यह मंदिर हज़ारों सालों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है।
Amarnath Temple
Shri Amarnath Cave Temple की सुंदरता मनमोहक है जहाँ Shiva Linga बर्फ से बना होता है। इसकी खूबसूरती के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी अपार है।
यह मंदिर Jammu और Kashmir के Anantnag district में स्थित है। Amarnath cave लगभग 5,000 years पुरानी है और 3,888 मीटर (12,756 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
हर साल Shravan माह (July-August) में Amarnath Yatra का आयोजन किया जाता है। लाखों श्रद्धालु इस दुर्गम स्थान पर स्थित गुफा के दर्शन के लिए जाते हैं।
Amarnath गुफा के अंदर एक बड़ा hall है जिसमें स्वाभाविक रूप से बनी हुई एक ice lingam होती है। यह lingam पिघलने और फिर से जमने की प्रक्रिया से गुजरती है जो moon के चक्र के साथ होती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वही जगह है जहाँ Lord Shiva ने Goddess Parvati को अमरत्व का रहस्य बताया था। इसलिए इस गुफा को Amarnath कहा जाता है।
Amarnath Yatra एक कठिन और चुनौतीपूर्ण यात्रा है। श्रद्धालुओं को Pahalgam या Baltal से पैदल चलना पड़ता है और रास्ते में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
लेकिन जब वे गुफा में पहुँचते हैं और बर्फ के Shiva Linga के दर्शन करते हैं, तो उनकी सारी थकान दूर हो जाती है। वे अपने आप को धन्य महसूस करते हैं।
इस प्रकार Amarnath Temple प्रकृति और आध्यात्मिकता का एक अद्भुत संगम है। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
Dwarkadhish Temple
Dwarkadhish Temple char dhaam group का एक हिस्सा है और दुनिया भर के Hindus अपनी spiritual salvation के लिए इस स्थान पर आते हैं।
यह मंदिर Gujarat के Dwarka शहर में स्थित है और इसे Jagat Mandir के नाम से भी जाना जाता है।
Dwarkadhish Temple का निर्माण 200 BC – 100 AD के बीच हुआ था। यह मंदिर Lord Krishna को समर्पित है, जो यहाँ अपनी राजधानी स्थापित करने के बाद रहते थे।
मंदिर की architecture Chalukya style में है और इसमें intricate carvings और sculptures हैं। Temple complex में कई smaller shrines भी हैं जो अन्य Hindu deities को समर्पित हैं।
Dwarkadhish Temple के मुख्य attraction में से एक Sharda Peeth है, जो एक ancient seat of learning माना जाता है। कहा जाता है कि Adi Shankaracharya ने यहाँ पढ़ाया था।
प्रतिदिन हज़ारों devotees इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं और अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। Janmashtami festival के दौरान यहाँ विशेष celebrations होते हैं।
मंदिर के पास ही Gomti River बहती है और इसके तट पर evening aarti का आयोजन किया जाता है जो एक अद्भुत अनुभव होता है।
Dwarkadhish Temple का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक और पौराणिक भी है। यह मंदिर Lord Krishna की divine presence और उनके संदेशों को दर्शाता है।
Badrinath Temple
Badrinath Temple भी chaar dhaams में से एक है जो Hindus के लिए अत्यंत धार्मिक महत्व रखता है और Uttarakhand राज्य में 10,170 feet की ऊंचाई पर स्थित है।
मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको एक लंबा और कठिन trek करना पड़ता है।
यह मंदिर Lord Vishnu को समर्पित है और उनकी Badrinath अवतार की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि Adi Shankaracharya ने 8वीं शताब्दी में इस मंदिर की स्थापना की थी।
Badrinath Temple का निर्माण एक विशाल boulder के नीचे किया गया है जिसे Hathi Parvat कहा जाता है।
मंदिर के अंदर Lord Vishnu की एक 1 मीटर ऊंची काले पत्थर की मूर्ति है।मंदिर का main shrine एक conical tower है जिसे vimanam कहा जाता है।
इसके अलावा, temple complex में hot springs, Tapt Kund और Narad Kund भी हैं।
Badrinath Temple का उल्लेख ancient Hindu texts जैसे Skanda Purana और Mahabharata में भी मिलता है।यह Char Dham Yatra का सबसे important और अंतिम पड़ाव माना जाता है।
मंदिर का द्वार केवल summer months (अप्रैल से नवंबर) में ही खुलता है। इस दौरान हज़ारों pilgrims यहाँ दर्शन करने आते हैं और अपनी आस्था व्यक्त करते हैं।
Badrinath पहुंचने के लिए आपको पहले Rishikesh या Haridwar तक road या rail द्वारा जाना होगा। फिर वहां से लगभग 300 km की दूरी तय करनी पड़ेगी जो एक challenging और scenic route है।
इस प्रकार Badrinath Temple न केवल एक पवित्र तीर्थ स्थल है बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और अध्यात्म का एक शानदार संगम भी है।
यह भारत की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है।
Yamunotri Temple
Yamunotri Temple नदी Yamuna को समर्पित है और यह Gangotri के ठीक बगल में स्थित है। इसमें goddess Yamuna की एक मूर्ति है जो काले संगमरमर से बनी हुई है।
यह मंदिर Uttarakhand के Uttarkashi district में स्थित है और Char Dham Yatra का पहला पड़ाव है।
Yamunotri Temple की स्थापना Maharani Gularia of Jaipur ने 19वीं शताब्दी में की थी।मंदिर परिसर में एक hot water spring भी है जिसे Surya Kund कहा जाता है।
श्रद्धालु इसमें स्नान करते हैं और मानते हैं कि इससे उनके पाप धुल जाते हैं।
Yamunotri Temple का मुख्य attraction Divya Shila है, जो एक विशाल rock है। कहा जाता है कि इस पर देवी Yamuna का वास है और इसे स्पर्श करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
मंदिर के पास ही Yamuna River का उद्गम स्थल Yamunotri Glacier भी है।
यह glacier लगभग 6,387 मीटर (20,955 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।Yamunotri पहुंचने के लिए आपको Janki Chatti तक road द्वारा जाना होगा और फिर वहां से लगभग 6 km का trek करना पड़ेगा।
Trek के दौरान आपको breathtaking views और waterfalls देखने को मिलेंगे।मंदिर का द्वार मई से नवंबर तक खुला रहता है। इस दौरान हज़ारों भक्त यहाँ माता Yamuna के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद लेने आते हैं।
इस प्रकार Yamunotri Temple भारत के चार धामों में से एक है और हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
यह प्रकृति और अध्यात्म का एक अनूठा संगम है जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
Sri Jagannath Temple
Sri Jagannath Temple Odisha में स्थित है, लेकिन दुनिया भर के लोग इसके spiritual significance की वजह से इसे देखने आते हैं।
यह Hindus के लिए chaar dhaams में से एक भी है।यह मंदिर Lord Jagannath को समर्पित है, जो Lord Krishna का एक रूप हैं। इसके अलावा, यहाँ
Lord Balabhadra और Goddess Subhadra की भी मूर्तियाँ हैं।Sri Jagannath Temple का निर्माण 12वीं शताब्दी में Ganga dynasty के King Anantavarman Chodaganga Deva ने करवाया था।
मंदिर की architecture Kalinga style में है और इसकी ऊंचाई 65 मीटर (214 फीट) है।
मंदिर का सबसे खास पहलू Rath Yatra है, जो हर साल आयोजित किया जाता है। इस दौरान Lord Jagannath, Balabhadra और Subhadra की विशाल रथों पर सवारी निकाली जाती है।
Rath Yatra के दौरान लाखों श्रद्धालु पुरी शहर में इकट्ठा होते हैं और रथों को खींचने में मदद करते हैं।
यह एक अद्भुत और भावपूर्ण दृश्य होता है।मंदिर के अंदर deities की मूर्तियाँ लकड़ी से बनी होती हैं और उन्हें हर 12 साल में बदला जाता है। इस प्रक्रिया को Nabakalebara कहा जाता है।
Sri Jagannath Temple का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी है।
यह मंदिर सभी जातियों और वर्गों के लोगों को एकजुट करता है।इस मंदिर का उल्लेख कई ancient texts जैसे Skanda Purana, Brahma Purana और Mahabharata में भी मिलता है।
यह भारत की समृद्ध धार्मिक और पौराणिक विरासत का एक अहम हिस्सा है।
Shirdi Sai Baba Temple
Lifespan | circa 1838 – 15 October 1918 |
Location of Death | Shirdi, Bombay Presidency, British India (present-day Ahmednagar District, Maharashtra, India) |
Resting Place | Samadhi Mandir, Shirdi |
Followed by | Hindu and Muslim devotees |
Teachings | Emphasized on self-realization, moral code of love, forgiveness, charity, contentment, inner peace, and devotion to God and Guru |
Condemnation of | Discrimination based on religion or caste |
Religious Affiliation | Combined elements of Hinduism and Islam; refused to be affiliated with one to the exclusion of the other |
Shirdi Sai Baba Temple उस जगह पर स्थित है जहाँ Sai Baba ने अपनी samadhi ली थी। यह मंदिर उन्हें समर्पित है।
पूरा शहर बहुत ही धार्मिक है और सभी spiritual seekers के लिए एक must visit स्थान है।
Sai Baba एक महान saint थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया। वह सभी धर्मों और जातियों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास करते थे।
Shirdi में स्थित Sai Baba का मंदिर रोज़ाना लगभग 25,000 श्रद्धालुओं का आकर्षण का केंद्र है। त्योहारों के मौसम में यह संख्या 1,00,000 तक पहुँच जाती है।
मंदिर परिसर को 1998-99 में renovate किया गया था और अब यहाँ Darshan Lane, Prasadalay, Donation Counters जैसी सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
Samadhi Mandir के अंदर Sai Baba की एक विशाल प्रतिमा है जो Italian marble से बनी हुई है। इसके ऊपर एक चांदी का छत्र भी लगा हुआ है।
मंदिर के पहले तल पर Sai Baba के जीवन से जुड़ी तस्वीरें और artifacts का संग्रह है। मंदिर परिसर में Dwarkamai और Chavadi जैसे अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी हैं।
हर गुरुवार और त्योहारों पर, Sai Baba की तस्वीर को एक palkhi में रखकर रंगारंग जुलूस निकाला जाता है। मंदिर सुबह 4 बजे से रात 11:15 बजे तक खुला रहता है।
इस प्रकार Shirdi Sai Baba Temple न सिर्फ एक प्रमुख तीर्थ स्थल है बल्कि Sai Baba के संदेशों और शिक्षाओं को फैलाने का भी एक माध्यम है।
यह सभी धर्मों और आस्थाओं के लोगों को एकजुट करने का प्रयास करता है।
Sabarimala Temple
Deity | Ayyappan, son of Shiva and Mohini (Female avatar of Vishnu) |
Location | Situated atop a hill in Ranni-Perunad, Pathanamthitta district, Kerala, India |
Annual Pilgrimage | One of the largest annual pilgrimage sites in the world with over 10 to 15 million devotees visiting every year |
Open Dates | Open during Mandala Pooja, Makaravilakku/Makara Sankranti, Maha Thirumal Sankranti, and the first five days of each Malayalam month |
Unique Tradition | Unique tradition of offering prayer at the mosque of Vavar, a Muslim devotee of Ayyappan |
Supreme Court Ruling | On September 28, 2018, the Supreme Court of India lifted the prohibition on female entry inside the temple |
Sabarimala Temple Kerala में स्थित है और इसके चारों ओर 18 hills और एक dense forest है।
यह सबसे महत्वपूर्ण annual pilgrimages में से एक का आयोजन करता है।यह मंदिर Lord Ayyappa को समर्पित है, जो growth के देवता माने जाते हैं।
Sabarimala Temple Kerala, Tamil Nadu, Karnataka और Andhra Pradesh के साथ-साथ देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
मंदिर November-December में Mandalapooja, 14 January को Makara Sankranti, 14 April को Maha Vishuva Sankranti और प्रत्येक Malayalam महीने के पहले 5 दिनों के दौरान ही पूजा के लिए खुला रहता है।
Sabarimala एक प्राचीन मंदिर है। इसकी स्थापना के बाद लगभग तीन शताब्दियों तक यह ज्यादातर अगम्य था। 12वीं शताब्दी में, Pandalam Dynasty के एक राजकुमार Manikandan ने Sabarimala पहुंचने का मूल मार्ग फिर से खोजा।
श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए जंगल में कठिन treks से गुजरना पड़ता है क्योंकि वाहन वहां तक नहीं पहुंच सकते। उन्हें Sabarimala जाने से पहले 41 दिनों तक celibacy का पालन करना होता है।
वे काले या नीले कपड़े पहनते हैं, तीर्थयात्रा पूरी होने तक shave नहीं करते और अपने माथे पर vibhuti या चंदन का लेप लगाते हैं।
मंदिर परिसर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध सदियों से लागू है, क्योंकि भक्त मंदिर के अध्यक्ष देवता Lord Ayyappa को celibate मानते हैं।
1991 में, Kerala High Court ने मासिक धर्म की उम्र वाली 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के Sabarimala मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।
28 सितंबर 2018 को Supreme Court ने इस प्रतिबंध को हटा दिया और कहा कि किसी भी आधार पर, यहां तक कि धार्मिक आधार पर भी महिलाओं के खिलाफ भेदभाव असंवैधानिक है।
इसके बाद Kerala के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों Ayyappa भक्तों ने राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया।
Konark Sun Temple
जैसा कि नाम से पता चलता है, यह मंदिर Sun God को समर्पित है और इसकी architecture बहुत सुंदर है। यह Puri में स्थित है और कई tourists को भी आकर्षित करता है।
Konark Sun Temple को Black Pagoda के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण 13वीं शताब्दी में Ganga dynasty के King Narasimhadeva I ने करवाया था।
मंदिर की डिज़ाइन एक विशाल रथ के आकार में है जिसमें 24 पहिये और 7 घोड़े हैं। यह रथ Sun God की यात्रा का प्रतीक माना जाता है।
Konark Temple की वास्तुकला Kalinga style में है और इसमें intricate carvings और sculptures हैं। हालांकि, मंदिर का मुख्य sanctum संरचना के ढहने के कारण अब मौजूद नहीं है।
मंदिर के entrance पर दो massive lions हैं जो एक हाथी पर सवार हैं। इसके अलावा, मंदिर की दीवारों पर कई erotic sculptures भी उकेरी गई हैं।
Konark का अर्थ है “सूर्य का कोण“। मंदिर का orientation पूर्व की ओर है ताकि सूर्य की पहली किरणें सीधे garbhagriha में प्रवेश कर सकें।
UNESCO ने 1984 में Konark Sun Temple को World Heritage Site घोषित किया था। Archaeological Survey of India (ASI) इस ऐतिहासिक स्मारक के संरक्षण और रखरखाव का काम देखता है।
Konark Dance Festival हर साल December में मंदिर परिसर में आयोजित किया जाता है। इसमें classical और folk नृत्य की प्रस्तुतियां होती हैं जो tourists के लिए एक बड़ा आकर्षण होता है।
इस प्रकार Konark Sun Temple न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि भारत की समृद्ध कला और वास्तुकला का भी एक शानदार उदाहरण है।
यह पुरी के प्रमुख आकर्षणों में से एक है और देश-विदेश से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
Siddhivinayak Temple
Siddhivinayak Temple Lord Ganesha को समर्पित है और यह Mumbai में स्थित है। कई लोग अपनी श्रद्धा दिखाने के लिए Siddhivinayak तक नंगे पैर चलकर जाते हैं।
यह मंदिर originally 19 November 1801 को Laxman Vithu और Deubai Patil द्वारा बनवाया गया था। यह Mumbai के सबसे लोकप्रिय Hindu temples में से एक है।
Siddhivinayak Temple में Lord Ganesha की मूर्ति एक single black stone से बनी हुई है और उनकी सूंड left की बजाय right में मुड़ी हुई है। मूर्ति के चार हाथ हैं जिनमें एक lotus, एक छोटी कुल्हाड़ी, माला और modak से भरा कटोरा है।
मंदिर का मुख्य गर्भगृह सोने से मढ़ा हुआ है। यह भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक है। Bollywood के कलाकार भी अपनी फिल्मों की रिलीज से पहले यहाँ आशीर्वाद लेने आते हैं।
हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए इस मंदिर में दर्शन करते हैं। मंगलवार के दिन सबसे ज्यादा भीड़ रहती है और कतार कभी-कभी 2 km तक लंबी हो जाती है।
मंदिर परिसर के अंदर दो बड़े चांदी के चूहे स्थापित हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर कोई अपनी इच्छा इन चूहों के कान में फुसफुसाता है तो वह सीधे Lord Ganesha तक पहुँच जाती है।
इस प्रकार Siddhivinayak Temple न सिर्फ एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है बल्कि लोगों की आस्था और विश्वास का प्रतीक भी है।
यह मंदिर हर किसी की मनोकामना पूरी करने का वादा करता है।
Khajuraho Temple
Location | Chhatarpur, Madhya Pradesh, India |
Construction Period | Between 885 CE and 1000 CE |
Dynasty | Built by the Chandela dynasty |
Discovery | Rediscovered by Captain T.S. Burt in 1838 |
Original Number of Temples | 85 temples by the 12th century |
Surviving Temples | About 25 temples |
UNESCO Inscription | 1986 |
Khajuraho Temple Madhya Pradesh में स्थित है और अपनी अद्भुत architecture के लिए जाना जाता है। इस जगह को देखने और इसकी वास्तुकला की सुंदरता का आनंद लेने के लिए आपको पूरा एक दिन चाहिए।
Khajuraho के मंदिर 950 AD और 1050 AD के बीच Chandela dynasty द्वारा बनवाए गए थे। मूल रूप से यहाँ 85 मंदिर थे लेकिन अब केवल 25 ही बचे हैं।
ये मंदिर Nagara style of architecture में बने हैं और इनमें sandstone और granite का इस्तेमाल किया गया है। Kandariya Mahadeva सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा सजावटी मंदिर है।
Khajuraho temples की खासियत उनकी intricate carvings और erotic sculptures हैं जो मंदिर की दीवारों को सजाते हैं। ये मूर्तियाँ विभिन्न Hindu deities, mythical creatures और daily life के दृश्यों को दर्शाती हैं।
इन मंदिरों को तीन groups में बांटा गया है – Western, Eastern और Southern। Western group सबसे ज्यादा लोकप्रिय है और इसमें Lakshmana Temple, Vishwanath Temple और Chitragupta Temple शामिल हैं।
13वीं से 18वीं शताब्दी तक ये मंदिर विभिन्न Muslim शासकों के अधीन रहे और उनके द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए। 1830 में British surveyor T.S. Burt ने इन्हें फिर से खोजा और दुनिया के सामने लाया।
1986 में UNESCO ने Khajuraho Temples को World Heritage Site घोषित किया। आज ये मंदिर पूरी दुनिया से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं और भारत की समृद्ध कला और वास्तुकला का प्रतीक हैं।
Khajuraho पहुंचने के लिए आप flight, train या road का इस्तेमाल कर सकते हैं। Khajuraho Airport से Delhi, Varanasi और Agra के लिए सीधी flights हैं। रेलवे स्टेशन भी शहर से महज 6 km दूर है।
इस प्रकार Khajuraho के मंदिर न सिर्फ एक प्रमुख पर्यटन स्थल हैं बल्कि मानव कल्पना और रचनात्मकता की भी एक अनूठी मिसाल हैं।
उनकी खूबसूरती और कारीगरी हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है।
Sanchi Stupa
Sanchi Stupa एक Buddhist मंदिर है और यह एक महत्वपूर्ण स्थल है क्योंकि यह एक UNESCO protected monument भी है।
इसका निर्माण Ashoka ने 3rd century में करवाया था।यह स्तूप Madhya Pradesh के Raisen district में स्थित है और इसे originally Ashoka के शासनकाल के दौरान बनवाया गया था।
बाद में Sunga और Satavahana dynasties ने इसका विस्तार किया।Sanchi Stupa की architecture बेहद खूबसूरत और symbolic है।
इसमें एक hemispherical dome है जिसके ऊपर एक चत्र या umbrella structure है। स्तूप के चारों ओर एक circular vedika या railing है।
स्तूप के चार प्रमुख gateways या toranas हैं जो cardinal directions की ओर मुँह करते हैं। इन gateways पर Buddha की जीवनी और जातक कथाओं से जुड़ी intricate carvings हैं।
Sanchi complex में कई अन्य monuments भी हैं जैसे temples, monasteries और pillars। सबसे प्रसिद्ध है Ashoka Pillar जिस पर उनके द्वारा जारी किए गए edicts उकेरे गए हैं।
Sanchi का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह Buddhism के विकास और प्रसार को दर्शाता है। यह भारत में Buddhist architecture और कला का एक शानदार उदाहरण है।
“1989 में UNESCO ने Sanchi Stupa को World Heritage Site घोषित किया। आज यह पूरी दुनिया से पर्यटकों और विद्वानों को आकर्षित करता है।”
Sanchi पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी airport Bhopal में है जो वहाँ से लगभग 46 km दूर है। Sanchi railway station से भी आप आसानी से वहाँ पहुँच सकते हैं।
इस प्रकार Sanchi Stupa न केवल एक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है बल्कि प्राचीन भारतीय कला और वास्तुकला का भी एक अद्भुत नमूना है।
यह हमें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने और समझने का अवसर देता है।
Karni Mata Temple
Location | Deshnoke, 30 km south of Bikaner, Rajasthan, India |
Dedicated to | Karni Mata |
Significance | Most important pilgrimage site for Charani sagatis after partition of India |
Unique Feature | Home to numerous holy mice called kābā |
Foundation | Originally constituted around 1530 CE |
Construction Period | 15th – 20th century |
Affiliation | Hinduism |
Karni Mata Temple Rajasthan में स्थित है और हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
यह मंदिर एक sage को समर्पित है जिन्हें goddess Durga का अवतार माना जाता है।यह मंदिर Bikaner से 30 km दूर Deshnoke नामक कस्बे में स्थित है।
इसे “Temple of Rats” के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ लगभग 20,000 चूहे निवास करते हैं जिन्हें पवित्र माना जाता है।
इन चूहों को “kabbas” कहा जाता है और लोग उन्हें सम्मान देने के लिए दूर-दूर से यहाँ आते हैं। मान्यता है कि इन चूहों को देखना या उनके पैरों से गुजरना शुभ होता है।
मंदिर की स्थापना लगभग 1530 ई. में Karni Mata के महाप्रयाण के बाद हुई थी। वर्तमान भवन का निर्माण 20वीं शताब्दी की शुरुआत में Bikaner के Maharaja Ganga Singh ने Mughal style में करवाया था।
मंदिर के सामने एक सुंदर marble facade है जिसमें ठोस चांदी के दरवाजे हैं। इसके अलावा कई अन्य चांदी के दरवाजे हैं जिन पर goddess से जुड़ी विभिन्न legends की कहानियाँ उकेरी गई हैं।
कहा जाता है कि एक बार Karni Mata के सौतेले बेटे Laxman की मृत्यु हो गई थी। Karni Mata ने मृत्यु के देवता Yama से प्रार्थना की और उन्होंने Laxman को चूहे के रूप में पुनर्जन्म देने की अनुमति दी।
मंदिर में रहने वाले चूहों को विशेष देखभाल और सुरक्षा दी जाती है। उन्हें दूध, मिठाइयाँ और अनाज खिलाया जाता है।
अगर कोई चूहा मर जाता है तो उसकी जगह चांदी या सोने का चूहा रखा जाता है।
मंदिर का प्रशासन Shri Karani Mandir Nij Pranyas नामक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
यह ट्रस्ट कई धर्मशालाओं, संग्रहालयों और गौशालाओं का भी संचालन करता है।
Karni Mata को Bikaner और Jodhpur के किलों की नींव रखने का श्रेय दिया जाता है। उनके जीवन से जुड़ी कई चमत्कारी घटनाएँ और किंवदंतियाँ प्रचलित हैं।
इस प्रकार Karni Mata Temple न सिर्फ एक अनूठा धार्मिक स्थल है बल्कि लोगों की आस्था और विश्वास का भी प्रतीक है।
यह मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
Shri Krishna Janmabhoomi Temple
Location | Mathura, Uttar Pradesh, India |
Main Deities | Keshavdev (Krishna), Radha Krishna |
Significance | Believed to be the birthplace of Lord Krishna |
Historical Importance | Site has religious significance since the 6th century BCE; temples were destroyed and rebuilt multiple times |
Modern Reconstruction | New temple complex built in the 20th century with financial help from industrialists |
Major Festival | Krishna Janmashtami |
Year consecrated | 1958 CE for the modern temple |
Shri Krishna Janmabhoomi Temple Mathura में स्थित है और पूरे साल भर कई पर्यटक इस अत्यंत महत्वपूर्ण मंदिर का दर्शन करने आते हैं।
इसे वह स्थान माना जाता है जहाँ Lord Krishna का जन्म हुआ था। लोकप्रिय मान्यता के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण 1814 के शुरुआती दौर में किया गया था।
हालांकि, ऐतिहासिक साक्ष्यों से पता चलता है कि इस स्थान पर कम से कम 6th century BCE से ही धार्मिक महत्व रहा है।
उत्खनन में धार्मिक अवशेषों के मिलने से यह बात सामने आई है।
मंदिर को इतिहास में कई बार नष्ट किया गया, सबसे हाल में 1670 में Mughal emperor Aurangzeb द्वारा। उन्होंने वहीं Shahi Eidgah मस्जिद का निर्माण करवाया, जो आज भी मौजूद है।
20वीं शताब्दी में, मस्जिद के बगल में नए मंदिर परिसर का निर्माण उद्योगपतियों की आर्थिक मदद से किया गया।
इसमें मुख्य रूप से तीन मंदिर हैं – Krishna को समर्पित Keshavdev मंदिर, Garbh Griha जहाँ Krishna का जन्म माना जाता है, और Bhagvata Bhavan जहाँ Radha Krishna की मूर्तियाँ हैं।
मंदिर परिसर के दक्षिण-पूर्व में एक विशाल सीढ़ीदार जलाशय Potra Kund या Pavitra Kund है, जिसका इस्तेमाल कहा जाता है कि बाल Krishna के पहले स्नान के लिए किया गया था।
मंदिर का पुनर्निर्माण 1953 में शुरू हुआ और 1982 में पूरा हुआ। इसके लिए Dalmia और Birla परिवार सहित कई व्यावसायिक परिवारों ने धन दिया।
आज Shri Krishna Janmabhoomi Temple हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है।
यह Lord Krishna की divine presence और उनके जन्म की पवित्र भूमि का प्रतीक है।
लाखों श्रद्धालु हर साल यहाँ आकर अपनी आस्था व्यक्त करते हैं।
Meenakshi Temple
Location | Located on the southern bank of the Vaigai River in Madurai, Tamil Nadu, India |
Deities | Dedicated to Meenakshi (a form of Parvati) and her consort, Sundaraswarar (a form of Shiva) |
Historical Significance | Central to the ancient temple city of Madurai mentioned in Tamil Sangam literature, with texts from as early as the 6th century CE |
Affiliation | Hinduism |
Architectural Style | Dravidian architecture |
Major Festivals | Chithirai Thiruvizha, Navaratri, Cradle festival, Aavanimoolam, Meenakshi Tirukkalyaanam, Alagar’s river plunge |
State Emblem Influence | The west tower (gopuram) of the temple is the model for the Tamil Nadu State Emblem |
Meenakshi Temple Tamil Nadu में स्थित है लेकिन पूरे भारत में लोकप्रिय है। इसकी अनूठी architecture है जिसकी सभी द्वारा सराहना की जाती है।
इसमें लगभग 33,000 sculptures हैं और यह 45 acres में फैला हुआ है।यह मंदिर goddess Meenakshi और उनके पति Lord Sundareswarar को समर्पित है।
Meenakshi को Parvati का अवतार माना जाता है और Sundareswarar Shiva का रूप हैं।
मंदिर का निर्माण originally 6th century CE में हुआ था, लेकिन वर्तमान संरचना mainly 16th-17th century की है। इसे Nayak dynasty के शासकों ने बनवाया था।
मंदिर के 14 मुख्य gopurams या gateway towers हैं जो 45-50 मीटर ऊँचे हैं। इन पर 1500 से अधिक देवताओं और राक्षसों की brightly painted मूर्तियाँ उकेरी गई हैं।
मंदिर के अंदर Aayiram Kaal Mandapam या Thousand Pillar Hall है जिसमें 985 खूबसूरती से नक्काशीदार pillars हैं।
Golden Lotus Tank भी है जहाँ भक्त holy water में स्नान करते हैं।मंदिर के केंद्र में Sundareswarar और Meenakshi के मुख्य shrines हैं।
हर रात Sundareswarar की मूर्ति को उनकी पत्नी के bedchamber में लाया जाता है।
मंदिर में हर साल कई festivals मनाए जाते हैं जैसे Meenakshi Thirukalyanam जो देवी की शादी का जश्न है।
Chithirai Festival भी बहुत प्रसिद्ध है।मंदिर के अंदर कई खूबसूरत paintings भी हैं जो Lord Shiva के चमत्कारों और Meenakshi की life से जुड़ी हैं।
हालांकि समय के साथ कुछ क्षतिग्रस्त हो गईं लेकिन अब उन्हें renovate किया गया है।
Meenakshi Temple का religious और architectural दोनों ही रूप से बहुत महत्व है।
यह South India की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
Guruvayur Temple
Deity | Guruvayurappan (a form of Vishnu as Krishna) |
Location | Guruvayur, Kerala, India |
Significance | One of the most important places of worship for Hindus in Kerala and Tamil Nadu, referred to as Bhuloka Vaikuntha |
Architecture | Kerala Architecture; Created traditionally by Vishwakarma, Brihaspati, and Vayu |
Main Festivals | Janmashtami, Kumbham Utsavam, Guruvayur Ekadasi |
Governing Body | Guruvayur Devaswom Board under Government of Kerala |
Sub-deities and Sub-temples | Ganapathi, Ayyappan, Bhagavathi; Sub-temples for Ganapati and Nagadevathas |
Guruvayur Temple भी Lord Krishna को समर्पित है और यह Kerala के Guruvayur नामक कस्बे में स्थित है।
यहाँ भगवान को स्थानीय रूप से Guruvayoorappan के नाम से जाना जाता है।इस स्थान को इतना पवित्र माना जाता है कि यहाँ कई wedding ceremonies भी होती हैं।
जब visitors यहाँ आते हैं तो उन्हें एक strict dress code का पालन करना होता है।
मंदिर की स्थापना 17वीं या 18वीं शताब्दी में हुई थी। यह Kerala के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में से एक है।
मंदिर को Bhuloka Vaikunta यानी पृथ्वी पर स्वर्ग भी कहा जाता है।
मंदिर का architecture Kerala style में है और इसमें दो gopurams हैं – एक पूर्व में और दूसरा पश्चिम में।
Nalambalam नामक एक वर्गाकार स्तंभ हॉल मंदिर के केंद्र में स्थित है।
मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए एक कड़ा dress code है। पुरुषों को केवल धोती या मुंडू पहनना होता है जबकि महिलाओं को साड़ी या सलवार-कमीज़ पहनना अनिवार्य है।
आधुनिक पोशाक की अनुमति नहीं है।मंदिर परिसर में मोबाइल फोन, कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की मनाही है।
इन्हें बाहर सुरक्षित रखने की सुविधा उपलब्ध है। चप्पल या जूते भी अंदर नहीं ले जा सकते।
दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती हैं और कभी-कभी 5-6 घंटे का इंतज़ार करना पड़ सकता है।
VIP दर्शन की सुविधा भी है लेकिन उसके लिए ऑनलाइन बुकिंग करनी होती है।
मंदिर में हर साल कई festivals मनाए जाते हैं जैसे Janmashtami, Diwali, Holi आदि। शादी के सीजन में यहाँ रोज़ाना 200 से ज़्यादा weddings भी होती हैं।
इस प्रकार Guruvayur Temple न सिर्फ एक प्रमुख तीर्थ स्थल है बल्कि Kerala की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का भी प्रतीक है।
यह हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
Banke Bihari Temple
Dedication | Dedicated to Banke Bihari, considered the combined form of Radha and Krishna |
Original Worship | Originally worshipped as Kunj Bihari, meaning the one who enjoys in the groves of Vrindavan |
Icon Posture | The icon of Radha Krishna’s united form stands in the Tribhanga posture |
Major Festivals | Janmashtami, Radhashtami, Holi, Sharad Purnima, Karthik Purnima |
Location | Situated in Vrindavan, Mathura district of Uttar Pradesh, India |
Architecture | Reflects Rajasthani architecture and was completed in 1862 |
Elevation | 169.77 m (557 ft) |
Banke Bihari Temple भी Mathura में स्थित है और यह एक विशाल मंदिर है।
यह Mathura का एक और लोकप्रिय मंदिर है जहाँ लोग हर समय दर्शन करने आते हैं।
इस मंदिर की स्थापना Swami Haridas ने की थी जिन्हें प्रसिद्ध गायक Tansen का गुरु माना जाता है।
इस मंदिर में एक खास बात यह है कि यहाँ Lord Krishna की पूजा एक बालक के रूप में की जाती है।
Banke Bihari Temple का निर्माण 1864 के आसपास हुआ था। मूल रूप से Banke Bihari की पूजा Nidhivan, Vrindavan में होती थी लेकिन बाद में उनकी मूर्ति को इस मंदिर में स्थानांतरित कर दिया गया।
मंदिर के अंदर Radha Krishna के एकीकृत रूप की मूर्ति tribhanga मुद्रा में खड़ी है। Swami Haridas मूल रूप से इस मूर्ति की पूजा Kunj Bihari के नाम से करते थे।
मंदिर में एक अनूठी परंपरा है जिसे “Phool Bangla Seva” कहा जाता है। इसमें भगवान को फूलों से बनी एक भव्य संरचना से घेरा जाता है।
मंदिर में कोई भी घंटी या शंख नहीं बजाया जाता क्योंकि माना जाता है कि इससे Banke Bihari को परेशानी हो सकती है।
केवल Krishna Janmashtami के अवसर पर ही सुबह की आरती की जाती है।
हर 5 मिनट में पर्दे बंद कर दिए जाते हैं ताकि भक्तों को Banke Bihari के अविरल दर्शन न हो सकें।
ऐसी मान्यता है कि अगर दर्शन निरंतर होते रहे तो Banke Bihari भक्तों के साथ उनके घर चले जाएंगे और मंदिर खाली हो जाएगा।
साल में सिर्फ एक बार Sharad Purnima के अवसर पर Banke Bihari अपने हाथों में बांसुरी धारण करते हैं।
इस प्रकार Banke Bihari Temple न सिर्फ एक प्रमुख धार्मिक स्थल है बल्कि Vrindavan की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भी एक अभिन्न अंग है।
यह मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
Ramanathaswamy Temple
Location | Rameswaram island, Tamil Nadu, India |
Affiliation | Hinduism |
Main Deity | Ramanathaswamy (Shiva) and Parvatavardini (Parvati) |
Architectural Feature | Longest corridor among all Hindu temples in India |
Mythological Significance | Lingam of Ramanathaswamy established and worshiped by Rama |
Expansion and Renovation | Expanded during 12th century by Pandya Dynasty; main shrine’s sanctum renovated by Jeyaveera Cinkaiariyan and Gunaveera Cinkaiariyan |
Pilgrimage Significance | Considered a holy pilgrimage site for Shaivites, Vaishnavites, and Smarthas |
Ramanathaswamy Temple char dhaam temples में से एक और महत्वपूर्ण मंदिर है जो Rameshwaram में स्थित है।
इसका Hindus के लिए बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है।यह मंदिर Lord Shiva को समर्पित है और 12 Jyotirlinga temples में से एक है।
यह 275 Paadal Petra Sthalams में से भी एक है, जहाँ Nayanars (Saivite saints) Appar, Sundarar और Tirugnana Sambandar ने अपने भजनों से इस मंदिर की महिमा गाई है।
मान्यता है कि Lord Rama ने Sri Lanka जाने से पहले यहाँ Shiva Lingam की स्थापना और पूजा की थी। इसलिए इस मंदिर का नाम Ramanathaswamy रखा गया।
मंदिर का विस्तार 12वीं शताब्दी में Pandya Dynasty द्वारा किया गया था। मुख्य sanctum का जीर्णोद्धार Jaffna kingdom के शासकों Jeyaveera Cinkaiariyan और उनके उत्तराधिकारी Gunaveera Cinkaiariyan ने करवाया था।
इस मंदिर में भारत के सभी Hindu temples में सबसे लंबा corridor है। इसका निर्माण King Muthuramalinga Sethupathiy ने करवाया था।
मंदिर परिसर में 64 Tīrthas (holy water bodies) हैं जिनमें से 22 मंदिर के अंदर हैं। इनमें स्नान करना तीर्थयात्रा का एक प्रमुख पहलू है और तपस्या के समान माना जाता है।
मंदिर का वर्तमान स्वरूप 17वीं शताब्दी का माना जाता है। इसका निर्माण King Kizhavan Sethupathi या Raghunatha Kilavan द्वारा करवाया गया था। Pandya Dynasty के Jaffna kings ने भी मंदिर के निर्माण में योगदान दिया था।
Rameswaram का इतिहास इस द्वीप के Sri Lanka पहुंचने के transit point होने और Ramanathaswamy Temple की उपस्थिति के इर्द-गिर्द केंद्रित है।
वीं-8वीं शताब्दी की Tamil रचनाएँ Tevaram में Appar, Sundarar और Thirugnanasambandar ने Rameswaram का उल्लेख किया है। Chola, Pandya और Jaffna kingdoms ने विभिन्न समय में इस क्षेत्र पर शासन किया और मंदिर को योगदान दिया।
इस प्रकार Ramanathaswamy Temple न केवल एक प्रमुख Hindu तीर्थ है बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
यह भारत की समृद्ध धार्मिक विरासत और वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है।
Kukke Subramanya Temple
Deity | Worships Kartikeya as Subramanya, lord of all serpents |
Location | Situated in Subramanya, on the banks of the Kumaradhara River |
State | Located in Karnataka |
Festivals | Celebrates Shasti, Kiru Shasti, Nagara Panchami, Nagaradhane |
Priests | Managed by Madhva Brahmins |
Kukke Subramanya Temple Karnataka राज्य के Dakshina Kannada जिले में स्थित Subramanya गाँव में स्थित है।
यहाँ Lord Kartikeya को Subramanya के नाम से सर्पों के देवता के रूप में पूजा जाता है।
अगर आप Karnataka में हैं, तो इस मंदिर का दौरा करना अवश्य लाभदायक होगा क्योंकि यहाँ आप गाँव की सुंदरता और पुरातन आकर्षण का आनंद ले सकते हैं।
मंदिर Kumaradhara नदी के किनारे स्थित है और श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने से पहले इस नदी में स्नान करना आवश्यक होता है।
मान्यता है कि जब Lord Subramanya ने राक्षसों Tharaka और Shura Padmasurya को मारा था, तो उन्होंने अपने शक्ति आयुध को इसी नदी में धोया था।
इसलिए इसका नाम Kumaradhara पड़ा। मंदिर परिसर में Kumara Parvatha पहाड़ी है जो मंदिर के पीछे एक भव्य दृश्य प्रदान करती है।
इसके आगे Shesha Parvatha नामक एक पहाड़ी है जिसकी आकृति छह सिरों वाले नाग की तरह है, मानो वह मंदिर की रक्षा कर रहा हो।
मंदिर में प्रवेश करने के बाद श्रद्धालु एक चांदी से मढ़े हुए Garuda Stambh के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
इस स्तंभ को नागराज Vasuki के विषैले श्वास से बचाव के लिए स्थापित किया गया है। मुख्य गर्भगृह में Lord Subramanya की मूर्ति एक ऊँचे पीठ पर स्थापित है जबकि नीचे Vasuki और Shesha की मूर्तियाँ हैं। यहाँ प्रतिदिन इन देवताओं की पूजा की जाती है।
Kukke Subramanya Temple में Sarpa Dosha Parihara और Ashlesha Bali जैसी विशेष पूजाएँ की जाती हैं जिनके लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। यहाँ Nagamandala नृत्य भी किया जाता है।
इस प्रकार Kukke Subramanya Temple न केवल एक प्रमुख धार्मिक स्थल है बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का एक अनूठा संगम भी है। यह Karnataka की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
Somnath Temple
Somnath Temple Gujarat में स्थित है और यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें 12 Jyotirlingas में से एक है।
यह देश के सबसे पुराने मंदिरों में से भी एक है। इसलिए, अगर आप अपनी Jyotirlinga yatra शुरू कर रहे हैं, तो यह एक अच्छा starting point हो सकता है।Somnath Temple का इतिहास काफी पुराना और रोमांचक है।
कहा जाता है कि इसका निर्माण Moon God Soma द्वारा सोने से किया गया था, फिर Ravan ने इसे नष्ट कर दिया और फिर Lord Krishna ने इसे wood से बनवाया।वर्तमान मंदिर का निर्माण 1947 में Sardar Vallabhbhai Patel के प्रयासों से हुआ था।
इससे पहले यह मंदिर कई बार invaders द्वारा लूटा और तोड़ा गया था।मंदिर की architecture Chalukya style में है और इसमें intricate carvings हैं।
Jyotirlinga के अलावा, मंदिर में Lord Shiva, Goddess Parvati और अन्य Hindu deities की मूर्तियाँ भी हैं।Somnath Temple का religious significance के साथ-साथ historical और political महत्व भी है।
यह मंदिर भारत की संप्रभुता और अखंडता का प्रतीक माना जाता है।मंदिर के पास ही Triveni Sangam है जहाँ तीन नदियाँ – Kapila, Hiran और Saraswati मिलती हैं।
यहाँ स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।हर साल लाखों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। Mahashivratri और Kartik Purnima के दौरान यहाँ विशेष पूजा और आयोजन होते हैं।
Somnath Temple के पास ही Somnath Beach और Gita Mandir भी हैं जो tourists के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
आप यहाँ light and sound show भी देख सकते हैं जो मंदिर के इतिहास को दर्शाता है।इस प्रकार Somnath Temple न केवल एक प्रमुख तीर्थ स्थल है बल्कि भारत के गौरवशाली अतीत और समृद्ध संस्कृति का भी एक जीवंत उदाहरण है।
यह मंदिर हर भारतीय के लिए गर्व और श्रद्धा का प्रतीक है।
Golden Temple
Golden Temple | Harmandir Sahib, Darbār Sahib, Suvaran Mandir |
Location | Amritsar, Punjab, India |
Significance | One of the holiest sites in Sikhism |
Foundation by | Guru Ram Das in 1577, structure completed in 1604 with Adi Granth by Guru Arjan |
Destruction and Rebuilding | Repeatedly rebuilt after being targeted and destroyed. Maharaja Ranjit Singh reconstructed it in marble and gold leaf in 1809 and 1830. |
1984 Incident | Site of Operation Blue Star, leading to significant damage and loss of life. |
Accessibility | Open to all people and faiths, symbolized by its four entrances |
Golden Temple का असली नाम Harmandir Sahib है या इसे Darbar Sahib भी कहा जाता है, जो Amritsar में स्थित है और पूरी तरह से सोने से बना हुआ है।इसका Sikhs के लिए बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है।
Temple में एक Sarovar है जो इसे और भी सुंदर बनाता है।जब भी आप इस temple का दौरा करें, आपको langar अवश्य खाना चाहिए।
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